"मैडम, एक बात बताओ, ये नेट पर जो दिखाते हैं वो क्या सब सच होता है?" - बर्तन धोती रुक बाई जी ने पूछा।
मैंने खौलते पानी में अदरक डालते हुए पूछा, "क्यों? क्या देख लिया ऎसा?"
"पाँच छह बरस के बच्चे को एक माँ बुरी तरफ पीटती देखी हमने, जी दोहरा हो गया।"
वह जानती थी गई अब कम से कम दस मिनट की। 😬
" बाई जी! ये दुनिया इतनी बड़ी है कि सब जगह सब प्रकार की चीजें होती रहती हैं। पहले गाँव में भी हम औरतें कहाँ सबको जानतीं थीं। चारदीवारी, पड़ोसी, पनघट, जंगल पानी की चार सहेलियाँ, बस।" मैंने चाय छान कर एक कप उसे पकड़ा दिया।
"गाँव में प्रसव से एक मौत की ख़बर आती है तो कितना बुरा लगता है!
राजस्थान में 45000 गाँव हैं। रोजाना की दो चार मौत की ख़बर मिले तो या तो दहशत बैठ जाए या संवेदनहीन हो जाएं!
कोई माँ अपने बच्चे को यूँ ही तो नहीं मारेगी ना... कितना frustration होगा,आख़िर किसपे ज़ोर चले उसका?
हो सकता है सच ही हो! और राजनीति से संबंधित, जात पांत से संबंधित बातें लगभग झूठी खबरें ही होती हैं।" मेरे हाथ से खाली कप ले वह फ़िर बर्तन धोने लगी।
" नेट पर... इस दुनिया में इतना रोना धोना/ ग़लत बातें हैं कि जन्मों देखते रहो, रोते रहो।
आप तो नेट पर अच्छी अच्छी बातें ही ढूंढा देखा करो।"
ये नेट काँच का वो तिलिस्मी पात्र है कि जैसा मन में भाव हो वैसी ही चीज/बात हाथ लगेगी !
- मुखर
नोट - राजस्थान में 44794 (2011) गाँव हैं यह बात भी गूगल ही ने बताया!
Tuesday, March 27, 2018
अन्तरजाल - एक चाकर
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