Wednesday, April 17, 2013



बड़ी मुश्किल है
(केवल महिलाओं के लिए पठनीय. वे पुरुष जो महिला आई डी बनाये हुए हैं या वो महिलाएं जो पुरुष आई डी बनाये हुए हैं, भी पढ़ सकते हैं. पुरुष, आपको इसलिए मना किया क्योंकि आप इससे अपने आपको रिलेट नहीं कर पाएंगे.)
बात उन दिनों की है जब मैंने सलवार सूट पहनना शुरू ही किया था. जो कुर्तियाँ आगे पीछे से सामान दिखती थी उन्हें पहनने में हमेशा दिक्कत आती थी. अक्सर पहनने के बाद महसूस होता की उल्टा पहन लिया. फिर मैंने दिमाग लगाया, देखा ! मैं उतनी भी बुध्धु नहीं हूँ, और नोटिस किया की पीछे का गला आगे के गले से थोडा कम गहरा होता था. कुछ ऐसे ही टी शर्ट्स जिसमें आगे पीछे गले बराबर होते थे, पीछे एक छोटा सा टेग लगा होता था. हाँ, मैंने जब सिलाई सीखी थी तो पता था की मुड्ढे की सिलाई से भी आगा पीछा जाना जा सकता है. मगर इस मामले में हमेशा कन्फ्यूजन बना रहता था.
वक़्त के गुजरते कुर्तों में बेक डिजाइन का फैशन आया, और मुझे मेरे ज्ञान में परिवर्तन करना पड़ा. अब पीछे के गले गहरे कटे होने लगे, आगे की तो लिमिट थी न. ठीक है जी, यही रुल सही.
मगर सच कहें, जाने ये वक़्त है की फैशन, बड़ा जुल्म ढाता है. अब मुझे पता ही नहीं चल पता है की कौन सा रुल फिट होता है. अब तो हर बार पहनने के बाद ही महसूस होता है कि धत तेरे की, फिर उल्टा पहन लिया !
वो टेग वाला रुल ? वो भी जब तब बदलता रहा. अब कभी भी गर्दन में नहीं मिलेगा. कभी गले में कभी मुड्ढे में कभी किसी बाजू या कलाई में या फिर कमर में, बस ढूँढ़ते रह्जाओगे !
                                                                                                                                         -  मुखर  

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