Wednesday, March 9, 2016

* नकचढ़ी *

आइना निहारती ,
लिपस्टिक लगाती लड़कियां ,
मुझे अच्छी लगती हैं
फैशनपरस्त लड़कियाँ।
सदियों से सुनार की सौ सौ
तो अक्सर लुहार सी मार
खाकर ख़ाक था आत्मसम्मान !
अब लांघती है आत्मसम्मान की
एक साथ कई कई सीढ़ियाँ !
ये फैशनपरस्त लड़कियाँ !
गुरूर से भरी , नकचढ़ी !
कसे 'गर कोई राह चलता फब्तियाँ ,
मौका मिलते ही
चढ़ती हैं सीना,लगाती चपत
समूह में तो ऐसी लगाती लात ,
लफंगों की हिल जाती हैं पीढ़ियां !
डर किसी का नहीं ,
निर्भरता किसी की नहीं ,
भाई से ज्यादा कमाती हैं लड़कियाँ !
मांगती नहीं , छीनती नहीं ,
बल्कि जीती हैं अपना हक़ !
चुनौती की, भेदभाव की ,
हर दिवार ढहाती लड़कियाँ !
ये फैशनपरस्त लड़कियाँ !

आइना निहारती,
लिपस्टिक लगाती लड़कियाँ ,
मुझे अच्छी लगती हैं ,
फैशनपरस्त लड़कियाँ !
-*-*-*-*-* मुखर 6/3/16
महिला दिवस मुबारक़ !

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