Wednesday, March 30, 2016

* धूलिवंदन *


तेरा मेरा, मेरा तेरा
रग रग इक रंग
तन मन रंग रंग
अंग अंग रंग रंग
तेरा रंग मेरा रंग
इक रंग इक रंग


रज रज रंग रंग
रग रग रसरंग
रस रस अंग अंग
अंग अंग रस रंग
तेरा मेरा, मेरा तेरा
रग रग इक रंग!

मैं भी रंगू तू भी रंग,
अंग अंग रम रंग!
संग संग रंग रंग,
तन मन रंग रंग
तेरा मेरा, मेरा तेरा
इक रंग इक रंग।
- - - - - - - - - - - मुखर! 23/3/16

Wednesday, March 9, 2016

* नकचढ़ी *

आइना निहारती ,
लिपस्टिक लगाती लड़कियां ,
मुझे अच्छी लगती हैं
फैशनपरस्त लड़कियाँ।
सदियों से सुनार की सौ सौ
तो अक्सर लुहार सी मार
खाकर ख़ाक था आत्मसम्मान !
अब लांघती है आत्मसम्मान की
एक साथ कई कई सीढ़ियाँ !
ये फैशनपरस्त लड़कियाँ !
गुरूर से भरी , नकचढ़ी !
कसे 'गर कोई राह चलता फब्तियाँ ,
मौका मिलते ही
चढ़ती हैं सीना,लगाती चपत
समूह में तो ऐसी लगाती लात ,
लफंगों की हिल जाती हैं पीढ़ियां !
डर किसी का नहीं ,
निर्भरता किसी की नहीं ,
भाई से ज्यादा कमाती हैं लड़कियाँ !
मांगती नहीं , छीनती नहीं ,
बल्कि जीती हैं अपना हक़ !
चुनौती की, भेदभाव की ,
हर दिवार ढहाती लड़कियाँ !
ये फैशनपरस्त लड़कियाँ !

आइना निहारती,
लिपस्टिक लगाती लड़कियाँ ,
मुझे अच्छी लगती हैं ,
फैशनपरस्त लड़कियाँ !
-*-*-*-*-* मुखर 6/3/16
महिला दिवस मुबारक़ !

Monday, March 7, 2016

* श्रद्धा *

कम से कम त्यौहार पर तो नया कपड़ा पहन लिया कर। खुद ही को डपटती मैं नहा कर तैयार हो रही थी। पर्स उठाया ही था कि आईने में से मेरे अंदर की मुखर ने ताना कसा-
कहाँ चल दी मैडम? वही पितृसत्तात्मक गढ़ को शीश नवाने? जिसने महिलाओं की परतंत्रता के इतने नियम बनाए उसी को फूल चढ़ाने ? कन्या धन पराया धन, पुत्र से ही मोक्ष...
बस बस! वही पुराना राग!
तो तुम ही कुछ नया करो!
हुँह! आईने को मुँह चिढ़ाती मैंने पर्स उठाया और चल दी।

गोविंदम स्वीट्स से बीस समोसे लिए। राशन की दुकान से बीस बीस साबुन, छोटी छोटी शीशियां तेल की और टूथ ब्रश लिए। पास ही बंजारों की बस्ती में बच्चों को बांट दिया! उनकी खुशी और मस्तीयां ज्यादा शुकून दे गई।
कार स्टूरियो पर FM गा रहा है, छुट्टी है मौज मनाओ...
ओए! कहां छुट्टी बच्चू! चल आफिस! smile emoticon

*
आप सभी आज शिव लिंग पर पुष्प दूध अर्पण करते जरा गौर से देखना, वहीँ शक्ति योनी भी विराजमान हैं!
* * * मुखर। 7/3/16