Friday, May 16, 2014

आशंकाएं ( Preconceived Notions ) :-

Is that a good thing? or is it a terrible thing ?
Anyways ,
देश का सवाल है, ऊंगली तो उठाना पड़ेगा, नेताओं को बताना पड़ेगा, जनता को कोन्फीडेंस में लेना पड़ेगा !! तो, पेश है :-
आशंकाएं :-
अब हम अमेरिका हो जायेंगे, इंग्लैंड हो जाएँगे !
यह जानने की हसरतभर है मुखर -
क्या हम भारत- भारतीय रह पाएंगे ?
अख़बार, टी वी सब मीडिया उनके ही गुण गायेंगे,
आज तो जी भर कर बोल लेने दो हमको,
कल ये हम सबकी बोलती बंद कर जायेंगे !
( आजकल हम स्टार-प्लस पर महाभारत देख रहे हैं )
हर संकट, भीषण अत्याचार, दुःख, अपमान भी,
धर्मराज को धर्म से न डिगा पाए ,
सुबह ( शक) हमको है ऐ मुखर -
क्या हम धर्म-निरपेक्ष रह पाएंगे ?
कहीं ऐसा न हो, आम आदमी बसदौलतमंद, सत्तानासीन, कोरपोरेट के,
पांव दबायेंगे, जी हुजूरी बजायेंगे !
तसलीमा, रुश्दी, हुसैन तो नहीं 'पढ़' पाते यारों ,
डर है क्या अब हम ऍफ़ बी पर भी,
कुछ अच्छा, कुछ मन का पढ़ पाएंगे ?
                                   - मुखर !

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