ए पूरे चाँद बता तो
क्या तू अँधेरे में रहता है?
हमारे मकान बनाने वालों के घर क्यों नहीं होते हैं?
अन्न उगाने वाले भला भूखे क्यूँ सोते हैं?
कपास उगाते हैं जो कपड़ा बुनते हैं,
सोचती हूँ क्या वो भी
नंगे ही होते हैं?
सूरज बेज़ान, ठंडा होता है?
कह, क्या किरणें सारी
हम पर ही लुटाता है?
बता बादल प्यासा रहता है?
ए पूरे चाँद बता तो,
क्या तू अँधेरे में रहता है?
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