महाकवि सुमित्रा नंदन पन्त ने कहा है , “ सुमन सुंदर , सुंदर है विहग,
मानव तुम सबसे सुंदर !” आज का यह दिन है कि मैं सुंदर मानव में से सुंदरतम का
परिचय पत्र पढने जा रही हूँ .
पिछले पच्चीस वर्षों से जे के लोन अस्पताल व एस एम् एस के रेडियो
थेरेपी विभाग में सोम से शुक्रवार तक प्रतिदिन दो घंटे निशुल्क परामर्श देने व
जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क दवा व्यवस्था करने के लिए “दवाई वाली मैडम” नाम से
विख्यात सुश्री कमला पानगड़िया जी ने
अध्यापन व समाज सेवा को पुर्णतः समर्पित हो अंजाम देने खातिर विवाह ही नहीं
किया .
पांच हज़ार छात्राओं का निशुल्क नेत्र जाँच करवा चश्मा दिलाया. जन
चेतना कार्यक्रम, जाँच शिविर , परिवार नियोजन व् साक्षरता अभियान में योगदान .
- कक्षा कक्ष, सीवर लाइन, फर्नीचर , बिजली फिटिंग , २५० बालिकाओं को
स्वेटर , फ़ीस व्यवस्था आदि के करीब बीस लाख के काज स्वयं द्वारा तथा जनसहयोग से
पूर्ण कराया.
महावीर इंटरनेशनल पिंकसिटी की उपसचिव एवं प्रभारी औषध बैंक , कमला जी
रेड क्रॉस सोसाइटी , जैन महिला गृह उद्योग , जैन वैश्य संगठन , जयपुर कैंसर
सोसायटी , राजस्थान कैंसर सोसायटी व् कई
संस्थाओं की स्थाई सदस्य भी हैं.
1994 में राष्ट्रपति पुरस्कार तथा उसके पिछले वर्ष राज्यपाल पुरस्कार
से सम्मानित कमला जी को विशन सिंह शेखावत पुरस्कार, रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा
स्वर्ण पदक , एड्स रोग संसथान , अल्प बचत विभाग , कुष्ठ रोग संसथान , लायंस क्लब ,
श्वेताम्बर महिला संगठन आदि आदि द्वारा कई कई बार सम्मानित हुईं .
95 ऍफ़ एम् तड़का “वीमेन रिकग्निशन अवार्ड 2015 में सुश्री कमला
पानगड़िया जी “हार्ट ऑफ़ गोल्ड” से नवाजी जा चुकी हैं .
सर्वश्रेष्ठ परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालय की भूतपूर्व प्राचार्य,
आदर्श अध्यापिका ,जरूरतमंद व् मरीजों के लिए दया ममता की प्रतिमूर्ति तथा हम सबके
लिए प्रेरणास्रोत आदरणीय कमला पानगड़िया जी का मैं करबद्ध अभिनन्दन करती हूँ . आज ,
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान आपको कर्मश्री सम्मान से सम्मानित कर स्वयं
गौरवान्वित महसूस कर रहा है .
सौ बात की एक बात कि
“ अगर चराग भी आँधियों से डर गए होते ,
सोचिये कि उजाले किधर गए होते !”
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की शुक्रगुजार हूँ मुझे सुश्री कमला
जी का परिचय पत्र पढने का सुनहरा मौका देने के लिए .
शुभ दिन !
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